Chief Minister responded to the details sought by the Governor

मुख्यमंत्री ने वित्तीय सूझ-बूझ और राज्य के संसाधनों के उचित प्रयोग का हवाला देते हुये राज्यपाल द्वारा माँगे विवरणों का जवाब दिया

Chief Minister responded to the details sought by the Governor

Chief Minister responded to the details sought by the Governor

Chief Minister responded to the details sought by the Governor- चंडीगढ़I वित्तीय सूझ-बूझ और राज्य के संसाधनों के उचित प्रयोग का हवाला देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को पिछले 18 महीनों के दौरान राज्य सरकार द्वारा खर्च किए गए एक-एक पैसे का मुकम्मल विवरण सौंपा। 

राज्यपाल को लिखे पत्र में भगवंत सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 27016 करोड़ रुपए का भुगतान ब्याज की अदायगी के रूप में किया है जबकि 10208 करोड़ रुपए पूँजी खर्चे के तौर पर इस्तेमाल किये गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को विरासत में कर्ज़े की भारी गठरी मिली थी जिस कारण पनसप को कर्ज़े में से निकालने के लिए 350 करोड़ रुपए खर्च किए गए, पी. एस. सी. ए. डी. बी. को कर्ज़े में से निकालने के लिए 798 करोड़ रुपए, आर. डी. आफ. के लिये 845 करोड़ रुपए, बिजली के सब्सिडी के साल 2017 से 2022 तक के बकाये लौटाने के लिए 2556 करोड़ रुपए ( 2017- 2022), सिंकिंग फंड ( कर्ज़ उतारने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आय) के निवेश के तौर पर 4000 करोड़ रुपए, किसानों के गन्ने के बकाए के तौर पर 1008 करोड़ रुपए, केंद्रीय स्पांसर स्कीमों की अन-अदायगी और अन्यों के लिए 1750 करोड़ रुपए खर्च किए गए। भगवंत सिंह मान ने बताया कि पंजाब सरकार ने राज्य की तरक्की और लोगों की भलाई के लिए 48530 करोड़ रुपए का प्रयोग बुद्धिमान तरीके से किया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब में टैक्स की वसूली बढ़ाने के लिए भी बड़े यत्न किये हैं। आंकड़ों का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य की जी. एस. टी. की वसूली में 16.6 प्रतिशत का विस्तार हुआ है। इसी तरह एक्साईज की वसूली में 37 प्रतिशत का इजाफा दर्ज हुआ है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वाहनों पर टैक्स की वसूली में 13 प्रतिशत और स्टैंप ड्यूटी और रजिस्टरियों की वसूली में 28 प्रतिशत का विस्तार हुआ है। 

मुख्यमंत्री ने खर्चे के बारे जानकारी मांगने के लिए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का दिल से धन्यवाद करते हुये कहा कि इससे वह बहुत से पहलू सही परिप्रेक्ष्य में पेश कर सके हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि एक अप्रैल, 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक राज्य के कर्ज़े में 47,107. 6 करोड़ रुपए का विस्तार हुआ है जिसमें न सिर्फ़ बाजारी कर्ज़े शामिल हैं बल्कि नाबार्ड, बाहरी सहायता प्राप्त प्रोजैकट, भारत सरकार की तरफ से मंज़ूर किये कर्ज़े और भारत सरकार द्वारा मंज़ूर पूँजी सम्पत्तियों की सृजन करने के लिए विशेष सहायता के अंतर्गत लम्बे समय के कर्ज़े भी शामिल हैं। भगवंत सिंह मान ने दुख के साथ कहा कि 27016 करोड़ रुपए की बड़ी रकम कर्ज़े के ब्याज की अदायगी के लिए ख़र्च हो गई और यह कर्ज़ उनकी सरकार को पिछली सरकार से विरासत में मिला। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कर्ज़े और राज्य के राजस्व स्रोतों का प्रयोग पहली सरकारों द्वारा नजरअन्दाज की गयी संस्थाओं/ स्कीमों को फंड देने के लिए किया। नये कर्ज़े का प्रयोग पूँजी सम्पत्त्यिं सृजन करने और राज्य में विकास गतिविधियों को शुरू करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के विकास के लिए फंड जुटाने के लिए साधन जुटाने की कोशिश करते हुये राज्य की देनदारियों और समय पर कर्ज़े की अदायगी करने के लिए वचनबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के लिए अतिरिक्त स्रोत जुटाने के लिए 24 घंटे काम कर रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त वसूली ने बकाए और अदा न किये बकाए का भुगतान शुरू करने के साथ- के साथ मूल्य बढ़ाने वाला निवेश करने में बहुत मदद की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनको यह बात सांझा करते हुये ख़ुशी हो रही है कि सरकार ने एक अप्रैल, 2022 से 4000 करोड़ रुपए सिंकिंग फंड में निवेश किये हैं जबकि पिछली सरकार के दौरान यह निवेश 2988 करोड़ रुपए था। उन्होंने कहा कि इस फंड का उद्देश्य भविष्य में राज्य के कर्ज़े के दबाव को कुछ हद तक घटाना है। 

मुख्यमंत्री ने उम्मीद ज़ाहिर की कि उपरोक्त जानकारी राज्य सरकार को विरासत में मिले कर्ज़े के बोझ के कारण पेश चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में पेश की गई है। उन्होंने कहा कि अब राज्यपाल प्रधानमंत्री को यकीन दिलाने की स्थिति में होंगे कि न सिर्फ़ कर्ज़े को सही ढंग से इस्तेमाल किया गया बल्कि राज्य की वित्तीय स्थिति को मज़बूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह सभी प्रयास उस समय किये गए जब राज्य के नौजवानों को 36000 से अधिक नौकरियाँ भी दीं जा रही थीं। 

पंजाब के हितों की बात करते हुये भगवंत सिंह मान ने राज्यपाल से अपील की कि वह प्रधानमंत्री को जहाँ ग्रामीण विकास फंड ( आर. डी. एफ.) के बकाये को जारी करवाने के लिए मनाएं, वहीं राज्य को कर्ज़ लौटाने के लिए कम से कम पाँच सालों के लिए मोहलत भी दिलाएं। इससे राज्य की दबाव वाली वित्तीय स्थिति को अपेक्षित राहत मिलेगी, वहीं राज्य सरकार को भी कुछ आर्थिक सहायता हासिल होगी।